Friday, May 3, 2019

sarva akarshan mantra

विधि : शनिवार के दिन सुबह जल्दी स्नान कर करे माँ काली के मन्दिर जाये फिर किसी सुनसान जगह पर जाये। २ निम्बू ले और एक पर अपना नाम और दूसरे पर उस इंसान का नाम लिखे। एक सफेद कागज पर उस इंसान का नाम 21 बार लिखे और निम्बू को उस कागज में लपेट कर रख दे. २१ बार मंत्र का जाप करे फिर उन नीम्बुओं को कागज से निकाले और काटकर उसका रस पी जाए. दूसरे दिन कागज और नीम्बुओं को बहते हुए पानी में बहा दे, फिर अगले दिन से ११ दिनों तक मंत्रो का जाप करे.
प्रेमिका को वश मे करने का मंत्र
अगर आपकी प्रेमिका और पत्नी आपसे दूर चली गयी है या आपसे बात नहीं कर रही है तो आप इन मंत्रो का जाप कर सकते है.
मंत्र : ॐ कलीम कुलुम मम (इंसान का नाम) वषयं कुरुम भवन्ति स्वाहा
विधि : सरदेहि के रस, सरसो और तुलसी के चूर्ण को मिक्स कर ले, मिक्स करते समय ऊपर दिए मंत्र का जाप 251 बार करे. फिर इस मिश्रण से उस इंसान की तस्वीर पर तिलक लगाए। फिर उस तस्वीर को अपने माथे से 11 बार स्पर्श करे और इस विधि को कम से कम ११ शुक्रवार तक करे.
नाम से वशीकरण करने का मंत्र
अगर आप किसी को वश में करना चाहते है लेकिन आपको उसके नाम के अलावा आपके पास कुछ नहीं है तो आप नीचे दिए हुए मंत्र का उपयोग कर सकते है
मंत्र : ओम कलीम कृष्णय
विधि सात पान के पत्ते, पानी और सिंदूर ले. हर शुक्रवार को सुबह स्नान कर के बाद इस मंत्र को पान के पत्तो पर १०८ बार पढ़े. उसके बाद जिस किसी को भी आप वश में करना चाहते है उसका नाम पते पर लिखे फिर अपने ऊपर से बाएं से दायें की तरफ़ घुमाएँ और दूर कहीं ले जाकर फेंक दें| यह विधि सात शुक्रवार तक करे.
मोहिनी वशीकरण मंत्र
मोहिनी वशीकरण मंत्र का उपयोग कर के आप किसी को भी वश में कर सकते है। मोहिनी वशीकरण मंत्र प्रेम विवाह करने के लिए ज्यादा किया जाता है, ऐसा कहा जाता है की इस मंत्र का जाप करने पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा बनती है और वो इच्छा अनुसार फल देते है. अगर आप प्रेम विवाह करना चाहते है और किसी भी प्रकार की समस्या से गुजर रहे है तो आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
मंत्र : ओम लक्ष्मी नारायणाय नमः !’
विधि : शुक्ल पक्ष में गुरुवार को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठ कर करे . यह जाप तीन महीने तक प्रत्येक गुरुवार को तीन स्फटिक की माला से किया जाना चाहिए। जाप के बाद मंदिर में फूल-प्रसाद चढ़ाये।
सौतन से छुटकारा पाने का मंत्र
सोतन पति और पत्नी के बिच लड़ाई और कलह पैदा करने वाली होती है सौतन की वजह से कई वैवाहिक जीवन ख़राब हो जाते है. अगर आप भी इस परेशानी से गुजर रही है और अपने पति को वश में कर के सौतन से छुटकारा चाहते हो तो नीचे दिए हुए मंत्र का जाप करे. तीन इलायची उसको साड़ी पहनने वाली स्त्री अंचल के कोने में, या सलवार-सूट वाली स्त्री दुपट्टे के एक कोर में बांध ले, अगल दिन की सुबह उसी इलायची को पीसकर किसी व्यंजन के साथ पति को खिला दें। ऐसा मात्र तीन शुक्रवार को करने से पति उसकी पत्नी के वश में हो जाता है और सौतन से खुद-व-खुद मुक्ति मिल जाती है।
कामदेव वशीकरण मंत्र
कामदेव वशीकरण मंत्र का उपयोग करके आप किसी को भी अपने वश में कर सकते हो और आपकी इच्छा अनुसार काम करवा सकते हो.
मंत्र : ओम कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात् ।
विधि : इस मंत्र को रात्रि ११ बजे के बाद रोज ६ माला का जाप करते हुए लगातार ११ दिनों तक करे. उसके बाद जिस किसी के सामने आप देखोगे वो आपके वश में हो जायेगा
वशीकरण के 4 सबसे असरदार उपाय यन्त्र विधि टोटके हिंदी
शत्रु वशीकरण यन्त्र
भोज पत्र पर स्याही से इस यन्त्र के कोनो मे आप अपने शत्रु का १२ बार नाम लिखे , एक-एक अक्षर में और नाम के पेरो में "ई " लिखे जैसे यन्त्र में दिखाई से रहा है तथा फिर इस यन्त्र को पीपल के वृक्ष में निचे धूल लेकर शत्रु की मूर्ति बना ले. फिर इस यन्त्र को शत्रु के दिल की तरफ रख दे. फिर इस यन्त्र को गंधा दी से पूजन करे. फिर अमावस्या की रात को चूल्हे की कखट में गाड़ दे, अब उस चूल्हे पर बात पकाये और दिपकली को खिलाये अथवा कुत्ते को खिलाये, फिर चूल्हे में दबा हुआ यन्त्र निकालकर काले कपड़े में सिलवा के बांध ले.
जुआ वशीकरण मंत्र
jua vashikaran yantra
यह यन्त्र दीपावली की अद्धरात्रि में अरंडी के पत्ते पर कौआ के पंख से गोरोचन व रोली की स्याही से लिखो। यह यन्त्र चौसठ कोने का है. प्रात: प्रवित्र हो कर स्नान करके इसे बनाये इस यन्त्र में बत्तीस अक्षर के मंत्र के अनुलोम और प्रतिलोम की रीती में लिखा है.
स्त्री वशीकरण यन्त्र
stri vashikaran yantra
इस यन्त्र को पुष्य नक्षत्र में शनिवार के दिन पाठशानिकी की जड़ से लपेटकर ताबीज में रढाले और कंठ अथवा भुजा पर धारण करने से स्त्री का वशीकरण हो जायेगा
पति वशीकरण यन्त्र
एक बड़े आकर का भोजपत्र ले जो बिलकुल साफ हो उस पर अनामिका ऊँगली का रक्त, हाथी का मद, चावल और गोरोचन,इन सब को मिला कर चमेली की लकड़ी की कलम से यन्त्र को लिखे, फिर खेत की काली मिटटी से गणेश जी की मूर्ति बनाये और मूर्ति के उदर पर इस यन्त्र को स्थापित करे. और धुप, दीप, नेवैध आदि से और फूल माला पहनाकर मूर्ति की पूजन करके नेवैध लगाकर इस यन्त्र को पढ़े.

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