Thursday, May 2, 2019

vashikaran siddhi mantra in hindi

अमावस्या वाली रात तंत्र साधना में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है | इस दिन तांत्रिक क्रियाओं के सिद्ध योगी विभिन्न क्रियाओं का लाभ उठाते हैं | इसके अलावा इस दिन कई तरह के टोटके भी किए जाते हैं  जो विभिन्न समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होते हैं | चलिए.. आप भी जाने हमारे साथ अमावस्या की रात तंत्र साधना/टोटक/उपाय|

अमावस्या की रात तंत्र साधना

तांत्रिक क्रिया-कलापों के क्षेत्र में अमावस्या  विशेष महत्वपूर्ण है | यह अमावस्या अगर शनिवार या किसी ग्रहण वाले दिन पड़ती है तो तंत्र क्रियाओं के लिए सोने में सुहागा | नीचे दिए गए प्रयोग को किसी भी अमावस्या वाले दिन करें और अपनी हर प्रकार की समस्या से निदान पाएं |

श्मशान घाट में जाकर सबसे पहसे श्मशान भूमि को प्रणाम करें | अब किसी भी स्थान पर बैठ जाए तथा दीपक में सरसों का तेल डालकर जलाएं और पांचों मोमबत्ती भी उसके चारों ओर जला दें | इसके बाद वहीं पर शराब चढ़ा दें | तीनों नींबू को बारी बारी से घड़ी की दिशा में अपने सर के ऊपर से  तीन बार घुमाकर नीचे रख कर एक ही बार में चक्कू से से काट दें | फिर कटे हुए भाग पर लाल सिंदूर लगाएं | अब हाथ जोड़कर अपनी मनोकामना को दोहराए | भूमि को प्रणाम करें और सभी सामग्री को वहीं पर छोड़ दें और घर लौट आएं | ध्यान रहे हैं घर लौटने के वक्त पीछे मुड़कर नहीं देखना है | घर में घुसने से पहले अपने हाथ पैरों को जरूर से धो लें | किसी के सामने   इसका जिक्र भी न करे | चार- पाँच अमावस्या को इसी प्रकार प्रक्रिया को दोहराएं | आपको सुखद परिणाम प्राप्त होगा |

अमावस्या पर वशीकरण टोटके

१) लाल रंग की स्याही द्वारा नगाड़े पर श्री यंत्र को लिखें और फिर नगाड़ा को बजाएं यह टोटका आपके दुश्मन को वशीभूत कर देगा |
२) किसी को भी अपने वश में करने के लिए आप इस मंत्र का भी जाप कर सकते हैं -” ॐ अनुरागिनी मैथन प्रिये स्वाहा | शुक्लपक्षे, जपे धावन्ताव दृश्यते जपेत |“ स्नानोपरान्त कपड़ा पहने नीले रंग का | अब आसन के ऊपर बैठ जाएं | चेहरे की दिशा पूर्व की ओर रखें | आसन का रंग भी नीला ही रखें | फिर सवा मीटर नीले रंग के कपड़े पर छोटी इलायची ११ दानें, पांच खारक, नीले कपड़े का एक रुमाल, ११ दानें लौंग, एक लड्डू इत्यादि रखें | इसपर इत्र लगाए | सारे समान को बाँध लें इसी नीले कपड़े में | उसके बाद सरसों के तेल से चौमुखा दीपक जलाएं | पानी भर कर रखें मिट्टी के बर्तन में | गुलाब का फूल पास में रखें | अब ऊपर दिया गए मंत्र को जापे | जाप करते वक्त किसी लोहे की कांटी से लकीरें खींच ले अपने चारों तरफ | जाप की इस क्रिया को ४० दिनों तक हर रोज करें | मंत्र करने के बाद हर रोज नदी के बहते हुए पानी में अपनी प्रतिछाया  देखें और प्रतिदिन मंत्र के संपूर्ण होने के बाद सारी सामग्री जिस कपड़े में बंधी हुई थी उस कपड़े सहित पानी में विसर्जित कर दें | मंत्र जाप करते समय जिस को अपने वश में करना चाहते हैं उसका नाम लेते हुए जाप करें | जाप संख्या हो ११०० हर दिन | इस क्रिया को आरंभ करें कृष्ण पक्ष में पड़ने वालीे अमावस्या को |

|| स्त्री वशीकरण मंत्र/ Vashikaran Mantra ||

वशीकरण एक ऐसी विद्या है जो प्राचीन काल से अपने रुके हुए कार्यों और किसी भी मनचाहे व्यक्ति को अपने वश में करने हेतु प्रयोग में लायी जाती है | आज के समय में वशीकरण शब्द को सुनकर अक्सर लोग मन में नकारात्मक भाव लाने लगते है ऐसे लोगो की नजर में वशीकरण सिर्फ और सिर्फ दूसरों को अहित पहुचाने की विद्या है | इसका कारण यह भी है कि वशीकरण का प्रयोग आज के समय में अधिकतर दूसरों को अहित पहुँचाने के लिए किया जाता है | वशीकरण के लिए धरम शास्त्रों में अनगिनत मंत्र है जिनमें शाबर वशीकरण मंत्रों/Vashikaran Mantra का अपना ही एक अलग महत्व है | शाबर मंत्र द्वारा वशीकरण करना बहुत ही सरल है और इसमें किसी विशेष सिद्धि की आवश्यकता नहीं होती है |

हनुमान जी , भैरव जी और महाकाली इन तीनों शक्तियों को कलियुग में जागृत माना गया है | अर्थात थोड़े से भक्ति भाव से ये प्रसन्न होकर अपने भक्तो का उद्धार करते है | महाकाली की उपासना करने से जीवन में सुख -शांति , शक्ति व बुद्धि का विकास होता है | इसके साथ -साथ सभी प्रकार के भय आदि से मुक्ति भी मिलती है |
माँ काली की उपसना करने वाले व्यक्ति को उनकी पूजा विधिवत करनी चाहिए और यदि किसी भी प्रकार का आपने यदि संकल्प लिया हुआ है तो कार्य पूर्ण होने पर उसे पूरा अवश्य करें अन्यथा माँ काली रुष्ट भी जो जाती है और उनका प्रकोप भी झेलना पड़ सकता है |

अब आप गोबर के उपलों (कंडो ) द्वारा मिटटी के बर्तन में कपूर की सहायता से अग्नि प्रज्वलित करें | अब आप मंत्र का जाप आरम्भ कर दे और प्रत्येक मंत्र के बाद आप एक लोंग या एक इलाइची अग्नि में डाल दे | थोड़े -थोड़े समय पश्चात् घी और नारियल का गोला जिसके छोटे छोटे टुकड़े किये है उन्हें भी डालते रहे | घी और गोले को आपको प्रत्येक मंत्र के बाद अग्नि में डालने की आवश्यकता नही है , यह सिर्फ इसलिए है कि अग्नि लगातार प्रज्वलित होती रहे |

इस प्रकार आप प्रत्येक मंत्र के बाद एक लोंग या इलाइची को अग्नि में छोड़ते चले जाये | आपको किसी प्रकार के दीपक जलाने या माला लेने की आवश्यकता नही है | बस आप दी गयी विधि अनुसार मंत्र जाप करते जाये | जैसे ही आप अपने मंत्र जाप पूरे करते है अब आप फिर से हाथ में जल लेकर फिर से संकल्प ले | पूजा के बाद में संकल्प कैसे लेते है यह भी आप ” मंत्र सिद्धि कैसे करें ? ” इस में पढ़ सकते है |

No comments:

Post a Comment