Wednesday, May 1, 2019

jana vashikaran mantra

सर्वजन वशीकरण मंत्र

सर्वजन सिद्धि कवच के द्वारा  सुख संपत्ति धन ऐश्वर्य  प्राप्त करते हैं  और नव ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को शांत करने की क्रिया सर्वजन सिद्धि कवचम्  से की जाती है  व्यक्ति के जीवन में  यह समस्त प्रकार के  दुख  दरिद्रता  को नाश करने के लिए प्रयुक्त माना जाता है इसके उपयोग से कारोबार में वृद्धि  वशीकरण  उच्चाटन स्पंदन जैसी क्रियाएं की जाती हैं  और  यह क्रियाएं सदैव कारगर साबित होती हैं।
सर्वजन सिद्ध कवच का प्रभाव –
१- सर्वजन सिद्धि कवच में सर्वजन वशीकरण कवच मिले होने की वजह से इसको धारण करने वाले व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति पर प्रभाव डालने की छमता उत्पन्न हो जाती है अर्थात उस व्यक्ति के अंदर  एक सम्मोहन शक्ति उत्पन्न हो जाती है वह किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है
२- सर्व सिद्धि कवच में  अष्टलक्ष्मी के कवच  मिले होने के कारण  से  व्यक्ति पर महालक्ष्मी का आशीर्वाद सदैव बना रहता है इसको धारण करने वाला व्यक्ति पर कभी भी धन की वजह से कोई परेशानी नहीं उत्पन्न होती और घर हमेशा धन धान्य से  संपन्न रहता है
३- सर्व कार्य सिद्धि कवच में  तंत्र रक्षा कवच मिला होने के कारण मनुष्य के जीवन में कभी  तांत्रिक बाधाएं  नहीं आती  और  उस पर  तंत्र मंत्र का कभी कोई प्रभाव नहीं पड़ता  साथ में नकारात्मक शक्तियों का  उस पर  कोई प्रभाव नहीं पड़ता  सर्व सिद्धि रक्षा कवच  शत्रु  से बचाता है  और सारे दुष्प्रभावों से ।
४-सर्व सिद्धि कवच को धारण करने वाले व्यक्ति की हमेशा विजय होती है चाहे वह कचहरी का मामला हो  या कोई अन्य  इस कवच को धारण करने वाले व्यक्ति की समस्त परेशानियां  स्वतः ही नष्ट हो जाती है  और कभी भी शत्रु बाधा नहीं उत्पन्न होती ।
कवच धारण करने के नियम –
यह कवच धारण करने के लिए किसी विशेष पूजा-अर्चना की आवश्यकता नहीं होती है ना ही कोई विशेष विधि विधान की क्योंकि इस कवच में पहले से ही सभी कारकों की पूर्ति के लिए शक्तियां विराजमान रहती हैं और इस कवच को धारण करने के लिए नाही किसी व्यक्ति की कोई अन्य जानकारी आवश्यक होती है या कवच पूर्ण रुप से धारण करने वाले व्यक्ति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहता है इसे पहले ही मंत्रो द्वारा इस तरह का बनाया जाता है कि व्यक्ति की समस्त समस्याओं का निवारण करता रहे जबकि इसके विपरीत अन्य कवच समस्याओं के आधार पर पहने जाते हैं और उनका निर्माण समस्याओं के आधार पर किया जाता है
सर्वजन साधना लोहट मंत्र –
इस साधना को मोहनी एकादशी को किया जाता है या इस साधना को आप किसी भी शुक्रवार को कर सकते हैं इस साधना के लिए आपको निवस्त्र होकर कांसे की थाली में समस्त पूजन सामग्री स्थापित करने के बाद पंचोपचार से पूजा करना पड़ता है जिस व्यक्ति को अपने वश में करने के लिए या किसी व्यक्ति को सम्मोहित करने के लिए सिद्धि का संकल्प लेते हैं और विधि विधान से पूजा करते हैं
सर्वजन वशिकरण मंत्र-
यह सिद्धि वशीकरण प्रयोग में आप अपनी माता-पिता भाई-बहन या रिश्तेदार किसी पर भी कर सकते हैं इस वशीकरण प्रयोग को करने के लिए सुबह उठकर स्नान कर स्वच्छ हो कर लाल वस्त्र धारण कर पूर्व या उत्तर दिशा पर लाल आसन बिछाकर उस में बैठकर रुद्राक्ष की माला से 500 बार मंत्र को जपना चाहिए और मंत्र जपते समय उस व्यक्ति का अपने मन में ध्यान करना चाहिए और मंत्र समाप्ति के बाद आप में सम्मोहन शक्ति उत्पन्न हो जाएगी और इच्छित व्यक्ति आपके वश में हो जाएगा ।
मंत्र – म्रोँ ड़ोँ स्वाहः
२-  यह  सर्वजन वशीकरण साधना  किसी शुक्रवार को रात्रि काल में  स्नान कर स्वच्छ होकर  पीले वस्त्र धारण कर करनी चाहिए  और  मंत्र के जप के लिए हकीक की पीले रंग की माला का प्रयोग करना चाहिए और मंत्र जपते समय इच्छित व्यक्ति का नाम लेते रहना चाहिए जिसे आप अपने वश में करना चाहते हैं उस व्यक्ति का ध्यान करते हुए 10000 मंत्रों को जपना चाहिए और बाद में 1000 बार इन्हीं मंत्रों के द्वारा आहुति देनी चाहिए यह साधना आपकी 7 या 5 दिन में पूर्ण हो जाएगी  इसके बाद आप को अपने  गुरु मंत्र का जप करना होगा इस मंत्र को पूर्ण होने के बाद  आप की साधना  पूर्ण हो जाएगी और वो व्यक्ति आपके वश में हो जाएगा
मंत्र-
ॐ चिटि चिटि चामुंडै  कालीकाः काली महाकाली  अमुकं मे वशमानयः  स्वाहः
३- कामदेव सर्वजन आकर्षण प्रयोग किसी भी शुक्रवार को रात्रि में स्नान कर स्वच्छ होकर उत्तर दिशा में लाल आसन बिछाकर करना चाहिए और अपने सामने बाजोट पर लाल वस्त्र बिछाकर भोजपत्र पर कुमकुम से क्लीं अंकित कर दें अब उसको स्थापित कर दें और यंत्र के ठीक सामने चावल की ढेरी बनाकर उस पर तिल के तेल का दीपक जला देना चाहिए उसके  तत्पश्चात गुरुजन की पूजा कर गुरु मंत्र से जाप प्रारंभ करें और गणेश जी की पूजा करते हुए दीपक को देखते हुए मूल मंत्र का मूंगा की माला से 51 बार जप करे इस  साधना को आपको  5 दिनों तक क्रमबद्ध तरीके से करना है एवं साधना समाप्ति के बाद  चावल और कपड़े को  विसर्जित कर दें  और  भोजपत्र  जिसमें क्लिक नामक बीज मंत्र लिखा था उसको किसी चांदी की ताबीज मैं डालकर संभाल कर रख दे और अंतिम दिन देसी घी से 108 बार मंत्रों की आहुति दें तत्पश्चात उस ताबीज को अपने गले में धारण कर लें

No comments:

Post a Comment